Cairn India Govt की प्रॉपर्टी कब्जा करने की कोशिश में
Cairn Energy begins process to seize Indian overseas assets to recover $1.7 billion
ब्रिटेन की तेल कंपनी केयर्न एनर्जी (Cairn Energy) ने भारत सरकार से 1.2 अरब डॉलर वसूलने के लिए एयर इंडिया (Air India) को अमेरिका की कोर्ट में घसीटा है। अमेरिका के एक डिस्ट्रिक्ट कोर्ट फाइलिंग में यह बात सामने आई है। इसका मकसद भारत सरकार पर भुगतान के लिए दबाव बनाना है। रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स मामले में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने केयर्न एनर्जी के पक्ष में फैसला सुनाया था और भारत सरकार को कंपनी को 1.2 अरब डॉलर का भुगतान करने को कहा था। यह फैसला दिसंबर 2020 में आया था।
केयर्न ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क के सदर्न डिस्ट्रिक्ट की अदालत में एक मुकदमा दायर किया। इसमें कहा गया है कि एयर इंडिया भारत की सरकारी एयरलाइन कंपनी है। कंपनी का कहना है कि भारत सरकार पर उसकी बकाया राशि इसी कंपनी (एयर इंडिया) से वसूली जानी चाहिए। केयर्न 21 दिसंबर के अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फैसले को लेकर भारत के खिलाफ अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, फ्रांस, सिंगापुर, क्यूबेक की अदालतों में पहले ही अपील दायर कर चुकी है। इससे उसके लिए भारत सरकार की विदेशी संपत्तियों को सीज करना और मध्यस्थता न्यायाधिकरण द्वारा तय रकम की वसूली करना आसान हो सकता है।
सरकार ने क्या
कहा
सूत्रों के मुताबिक सरकार या किसी सरकारी कंपनी को अब तक इस बारे में कोई नोटिस नहीं मिला है। जब भी सरकार या संबधित कंपनी को ऐसा कोई नोटिस मिलेगा तो इस तरह की गैरकानूनी कार्रवाई को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। सरकार ने आर्बिट्रेशन कोर्ट के फैसले को हेग की अदालत में चुनौती दे रखी है। सरकार को पूरा भरोसा है कि आर्बिट्रेशन कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया जाएगा। सरकार ने साथ ही वकीलों की एक टीम भी तैयार कर रखी है जो केयर्न की तरफ से दुनिया में कहीं भी की जाने वाली अवैध कार्रवाई को रोकेगी।
बैंकों को किया सतर्क
इससे पहले केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Public Sector Banks) से कहा था है कि वे अपने विदेशी करेंसी अकाउंट्स से पैसे निकाल लें। इसकी वजह है कि सरकार को डर सता रहा है कि आर्बिट्रेशन यानी मध्यस्थ के फैसले के बाद केयर्न एनर्जी इन बैंकों का कैश सीज करने की कोशिश कर सकती है। भारत सरकार ने मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फैसले को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में चुनौती दी है, वहीं दूसरी तरफ केयर्न एनर्जी ने विदेशों में भारत सरकार की संपत्ति की पहचान करना शुरू कर दिया है। इनमें सरकारी बैंकों के विदेशी अकाउंट्स भी शामिल हैं। अगर केयर्न और भारत सरकार के बीच सेटलमेंट नहीं हुआ तो कंपनी इन अकाउंट्स को सीज कर सकती है।
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