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Showing posts from August, 2022

GORKHA: British Army में हर साल नेपाली गोरखाओं के लिए महज़ 172 सीट Indian Army में 1000 से ज़्यादा लोगों को भर्ती किया जाता था.

  CHINA AND PAKISTAN ATTRACTING GORKHAS FOR THEIR ARMY. GORKHA ANGRY WITH INDIA AGNIPATH DEFENCE SCHEME  भारत और ब्रिटेन की नेपाल से जो त्रिपक्षीय संधि है, वैसी संधि चीन और पाकिस्तान के साथ नहीं है. 1947 में हुई इसी संधि के कारण नेपाली गोरखा भारत और ब्रिटेन की आर्मी में भर्ती होते हैं. लेकिन सिंगापुर और ब्रुनेई के साथ भी नेपाल की कोई संधि नहीं है और वहां की सेना में भी नेपाली गोरखा जा रहे हैं. ऐसा इसलिए है कि नौकरी छोटी अवधि की होगी और न ही पेंशन होगी. अग्निवीर सेना से बाहर होने के बाद भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त हो सकते हैं. भारत विरोधी माओवादी समूह इनका इस्तेमाल कर सकते हैं. सबसे अहम बात है कि भारत और नेपाल संबंधों में नेपाली गोरखा राजनयिक सेतु का काम करते हैं और यह सेतु कमज़ोर होगा. इस सेमिनार को मेजर जनरल गोपाल गुरुंग ने भी संबोधित किया था. इसमें उन्होंने कहा था, ''चीन फिर से नेपाली गोरखाओं को अपनी फौज में भर्ती करने की कोशिश कर सकता है. भारत के ख़िलाफ़ चीन की यह रणनीति हो सकती है. चीन गोरखाओं के पराक्रम के इतिहास को लेकर बहुत उत्साहित रहा है. 1962 में चीन ने गोरखाओं क

Toll Tax नही दिया तो कोई punishment नही, नया कानून लाने की तयारी हो रही है

  जल्द ही आपको टोल प्लाजा से छुटकारा मिल सकता है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक इंटरव्यू में कहा है कि अब टोल प्लाजा को हटाकर कैमरे लगाने की योजना है, जो नंबर प्लेट रीड करेंगे और सीधे अकाउंट से पैसे कट जाएंगे।' टोल प्लाजा पर जाम की समस्या को खत्म करने के लिए एक साल पहले ही सरकार फास्टैग लेकर आई थी। अब इससे आगे बढ़ते हुए सरकार की योजना देशभर के सभी टोल प्लाजा को ही हटा देने की है। 1. टोल प्लाजा हटाने की नई योजना क्या है सरकार की योजना आने वाले दिनों में नेशनल हाईवे और एक्सप्रेस-वे से सभी टोल प्लाजा को हटाने की है। टोल प्लाजा की जगह हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर यानी ANPR कैमरे लगेंगे। जैसे ही कोई कार हाईवे से गुजरेगी, तो वहां लगे खास कैमरे कार के नंबर प्लेट को रीड कर लेंगे और टोल का चार्ज गाड़ी मालिक के लिंक्ड बैंक अकाउंट से सीधे कट जाएगा। हालांकि अभी ये कैमरे केवल 2019 के बाद आने वाली गाड़ियों के नंबर प्लेट ही रीड कर सकते हैं। 2. क्या गाड़ियों में नई नंबर प्लेट लगेंगी हां, इसके लिए गाड़ियों में हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट यानी HS

Calcutta High Court judge से भिड़ गए सब वकील

  THE DISPUTE STARTED WHEN JUSTICE ABHIJEET GANGOUPADHYAY GRANTED PERMISSION OF VIDEO RECORDING TO MEDIA REPORTERS OF COURT PROCEEDINGS  कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय  और वकीलों के बीच गुरुवार को अभूतपूर्व घटनाक्रम में तीखी नोकझोंक देखने को मिली। यह घटनाक्रम तब सामने आया जब जस्टिस गंगोपाध्याय ने अदालत में मौजूद पत्रकारों को पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूल में शिक्षकों की अवैध नियुक्ति से संबंधित सुनवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग करने की अनुमति दी। जस्टिस गंगोपाध्याय  ने कथित रूप से गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल की बेटी सहित अवैध रूप से नियुक्त छह शिक्षकों को गुरुवार को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। मामले में आरोप लगाया गया कि उसे और पांच अन्य को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास किए बिना प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त किया गया था। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि सुकन्या सहित मंडल से जुड़े कुछ लोगों को शिक्षक के रूप में नौकरी दी गई। सुकन्या कथित तौर पर बीरभूम के कालिकापुर प्राथमिक विद्यालय में कभी नहीं गई, जहां वह कार्यरत थीं। टीएमसी के पार्

मच्छर से बचने के ये आसन उपाय, harmful chemicals ser bacher।

 

30 crore Flags का अब क्या होगा?

  कई NGO अब झंडा जमा करने के काम मे लगे है  कंफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के मुताबिक़, इस साल 15 अगस्त के मौके पर देश भर में व्यापारियों ने अलग-अलग साइज़ के 30 करोड़ झंडे बेचे. झंडे का कुल व्यापार लगभग 500 करोड़ का हुआ. ज़ाहिर है इतनी बड़ी मात्रा में झंडों की बिक्री हुई है तो उन्हें सहेज कर रखना भी उतनी ही बड़ी ज़िम्मेदारी है. तिरंगा भारतीयों की आन-बान-शान का प्रतीक है. इस वजह से जनता सवाल पूछ रही है कि 15 अगस्त के बाद इन झंडों का क्या करना है? क्या हैं नियम लेकिन ऐसा नहीं है कि झंडा जमा करने वालों के पास ही जाने का विकल्प जनता के पास मौजूद है. आम जनता अपने स्तर पर भी झंडे का ख़्याल रख सकती है और नष्ट कर सकती है. इंडियन फ़्लैग फ़ाउंडेशन के सीईओ असीम कोहली का कहना है कि 'हर घर तिरंगा' अभियान के बारे में काफ़ी भ्रांतियां फैली हुई हैं. बातचीत में वो कहते हैं, "लोगों के मन में ग़लत धारणा है कि झंडा केवल 13 से 15 अगस्त के बीच ही लगाना था. केंद्र या राज्य सरकार की तरफ़ से ये कभी नहीं कहा गया कि 15 अगस्त के बाद झंडा उतार लें. सबसे पहले तो जनता को ये बात समझनी है.&qu

CRPC 156 Complaint to Dispose In Few Days Time Limit: MP High Court......Penalty Of Rs 10k To Police For Filing Delayed Enquiry Report

  https://mpsja.mphc.gov.in/Joti/pdf/LU/Guidelines%20for%20Magistrates%20156.pdf Madhya Pradesh High Court Om Prakash Sharma vs The State Of Madhya Pradesh on 25 March, 2021 Author: Sheel Nagu 1 MCRC.44485.2020 HIGH COURT OF MADHYA PRADESH BENCH AT GWALIOR SINGLE BENCH: JUSTICE SHEEL NAGU ******************* Misc. Criminal Case No. 44485 Of 2020 Om Prakash Sharma Vs. State of M.P. and another ****************** Shri Purushottam Rai, learned counsel for the petitioner. Smt. Kalpana Parmar, learned Panel Lawyer for respondents/State. ******************** Whether approved for reporting : Yes Law laid down: (1) The guidelines laid down for the Magistrates for adjudication of application u/S.156(3) Cr.P.C . comp

SC: In Courts Attendance Can Be Given By VC, LANDMARK SUPREME COURT ORDER IN PAPPU YADAV CASE

  ACCUSED CAN GIVE ATTENDANCE BY VC IN COURT USING PAPPU YADAV COURT JUDGEMENT PERMISSION TO BE TAKEN FROM COURT FOR VC ATTENDANCE. IT WILL SAVE TIME AND MONEY OF ACCUSED IN 2008 WHEN NO INTERNET WAS THERE SC GIVE PERMISSION TO APPEAR BY VIDEO CONFERENCING  PAPPU YADAV CITATION IS LANDMARK ORDER CAN BE USED FOR PERMISSION   VC FOR ADVOCATE Karnataka High Court Sri K Lakshmaiah Reddy vs Sri V Anil Reddy on 24 June, 2022 Bench: Sachin Shankar Magadum 7. To buttress his arguments, he has placed reliance on the decision rendered by the Delhi High Court in the case of Milano Impex Pvt. Ltd. vs. Egle Footwear Pvt. Ltd. and Ors.2 and has also referred to the judgment rendered by the Andhra Pradesh High Court in the case of Sirangai Shoba @ Shoba Munnuri vs. Sirangi Muralidhar Rao3. Referring to these two judgments, he would contend that the Delhi High Court and Andhra Pradesh High Court have permitted the counsel to be present at the time of video conferencing at the remote point with the wit