अमेरिकी सरकार के डाटा के मुताबिक़ साल 2010 से 2012 के बीच जब अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या एक लाख को पार कर गई थी, अफ़ग़ान युद्ध पर अमेरिका का सालाना ख़र्च सौ अरब डॉलर को पार कर गया था.
वहीं 2018 में सालाना ख़र्च 45 अरब डॉलर था. उस साल रक्षा मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने अमेरिकी कांग्रेस को ये जानकारी दी थी.
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक़ अफ़ग़ानिस्तान युद्ध पर अक्तूबर 2001 से सितंबर 2019 के बीच 778 अरब डॉलर ख़र्च हुए.
इसके अलावा अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय संस्था यूएस एजेंसी फ़ॉर इंटरनेशनल डेवेलपमेंट (यूएसएड) के ज़रिए अफ़ग़ानिस्तान में विकास परियोजनाओं पर 44 अरब डॉलर ख़र्च किए हैं.
अमेरिका के अधिकारिक डाटा के मुताबिक़ साल 2001 से 2019 के बीच अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान में कुल 822 अरब डॉलर ख़र्च किए. हालांकि इन आंकड़ों में पाकिस्तान में ख़र्च किया गया पैसा शामिल नहीं हैं.
अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान में अपने सैन्य अभियानों के लिए पाकिस्तान को एक अड्डे की तरह इस्तेमाल किया है.
अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान में अमरीकी ख़र्च पर ब्राउन यूनिवर्सिटी में साल 2019 में हुए एक शोध के मुताबिक़ अमेरिका ने लगभग 978 अरब डॉलर ख़र्च किए हैं. ब्राउन यूनिवर्सिटी के आकलन में वित्तीय वर्ष 2020 के लिए जारी की गई रक़म भी शामिल है.
इस शोध में ये भी कहा गया है कि ख़र्च का सही आकलन करना मुश्किल है क्योंकि सरकार के अलग-अलग विभागों में ख़र्चों की गणना अलग-अलग तरह से की जाती है. समय के साथ तरीक़े बदलते भी हैं जिससे भी आकलन पर असर होता है.
हालांकि, अधिकारिक डाटा से पता चलता है कि साल 2002 के बाद से अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान में पुनर्निर्माण गतिविधियों पर 143.27 अरब डॉलर ख़र्च किए हैं.
इनमें से लगभग आधा पैसा अफ़ग़ानिस्तान के सुरक्षा बलों पर ख़र्च किया गया है जिसमें अफ़ग़ान नेशनल आर्मी और पुलिस बल शामिल हैं.
लगभग 36 अरब डॉलर अफ़ग़ान सरकार और विकास योजनाओं के लिए दिए गए हैं. इसके अलावा ड्रग तस्करी के ख़िलाफ़ और मानवीय मदद पर भी ख़र्चा हुआ है.
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